तेलंगाना के नलगोंडा जिले में आत्माओं और भूतप्रेतों पर आठ साल से खोज


तेलंगाना के नलगोंडा जिले में आत्माओं और भूतप्रेतों पर आठ साल से खोज करती रही इलोरा देवांगन का कहना है कि 1950 तक जिन जगहों पर लोग जाते हुए डरते थेतीस पैंतीस साल पहले जाने तो लगे पर रात को उधर जाने से हिचकिचाते थे। 

तेलंगाना के नलगोंडा जिले में आत्माओं और भूतप्रेतों पर आठ साल से खोज
Photo by Loren Isaac on Unsplash



तेलंगाना के नलगोंडा जिले में आत्माओं और भूतप्रेतों पर आठ साल से खोज


जिन जगहों पर लोग जाते हुए डरते थे कभी  गांव कसबों में जैसे जैसे बिजली की रोशनी से रात गुलजार होने लगी और शिक्षा ने किसी भी हद तक मन का अंधेरा दूर करने में कामयाबी हासिल की, वैसे वैसे भूत प्रेतों की संख्या या उनके ठीये ठिकाने कम होने लगे हैं। 


तेलंगाना के नलगोंडा जिले में आत्माओं और भूतप्रेतों पर आठ साल से खोज करती रही इलोरा देवांगन का कहना है कि 1950 तक जिन जगहों पर लोग जाते हुए डरते थे, तीस पैंतीस साल पहले जाने तो लगे पर रात को उधर जाने से हिचकिचाते थे। 


आज उन इलाकों में लोग कच्चे पक्के और फ्लैट मकान बना कर रहने लगे हैं। इलोरा ने आठ साल के इस खोज अभियान में करीब 28 हजार किलोमीटर का इलाका छान मारा। इन यात्राओँ में उन्होंने कभी रहे और अब भी कायम मरघटों और कब्रिस्तानों तथा भुतहा हवेलियों और पेड़ों को देखा। 


हर जगह एक बात सामान्य लगी कि कुछ लोगों को भूत प्रेत की बाधाएं महसूस होती है और कुछ को नहीं। इलोरा की तरह औरों को भी लग सकता है कि भूत प्रेत वाकई हैं लेकिन वह सभी को क्यों दिखाई नहीं देते? भूतप्रेतों का भय क्यों? पेशे से वकील रही एलोरा कहती है इस रिसर्च के बारे में सुनकर कई लोग समझते हैं कि शायद मैं किसी धार्मिक अनुष्ठान करने वाले परिवार से होऊंगी। 


कुछ यह भी समझते है कि मैं लोगों को भूतप्रेतों के भय से बचाना चाहती हूं। पर ऐसा कतई नहीं है। यात्रा का उद्देश्य सच्चाई को जानना है। एक बार आश्रम मे अपने गुरु नारायणदास जी से लोकोत्तर जीवन के बारे में सुन कर भूत प्रेतों के बारे में जानने का निश्चय कर लिया। उनका अस्तित्व होता है। 


जिस ढंग से जानने की कोशिश की, उस हिसाब से अस्तित्व साबित तो नहीं हुआ। शरीर से बाहर निकली कोई भी आ पर उनके पास शरीर तो होता ही नहीं कि वे किसी को पीड़ित और परेशान कर सकें। पर साधु संतो, धार्मिक आध्यात्मिक उल्लेखों और परामनोविज्ञान की शोध और निष्कर्षों में भी उनके अस्तित्व के कई प्रमाण मिलते हैं। 


फिलहाल इतना ही कहा जा सकता है कि मृत्यु के बाद जीवन का कोई भी अस्तित्व रहता हो या नहीं। लेकिन इतना तो कहा जा सकता है कि भूतप्रेत कितने भी ताकतवार हों, वह मनुष्य का कोई अहित नहीं कर सकते।  

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